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हमसफर

सफर जिंदगी का
जब साथ हमसफर हो
हर गम भूला दे
ऐसा हमसफर हो

ऐसा हमसफर है पाया
कोरा कागज था जीवन
रंगीन फूलों से सजाया
साथ हरदम हरकदम
बन अंधेरों में भी साया

जीवन के हर पढ़ाव पर
संघर्ष के हर चढ़ाव पर
देकर साथ मेरा
जीवन है महकाया
ऐसा हमसफर है पाया

थोड़ी तकरार से
थोड़े प्यार से
हरपल को सजाया
हर एक गम भूलाया
ऐसा हमसफर है पाया

कभी धूप कभी छाया
अनमोल है प्रीत की माया
मेरी हर सांस में
नाम तेरा ही आया
ऐसा हमसफर है पाया

स्वरचित :- मुकेश राठौड़

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